"आओ चुरा लें..
गहराई समंदर की..
ऊँचाई आसमां की..
खुशियाँ संदूक से..
रंग गुलों से..
मासूमियत बच्चों से..
उड़ चलें..
बह चलें..
झूमें..
लहरायें..
आओ चुरा लें..
खोये हुए जज़्बात..
बिखरे हुए अरमां..
रात की नींद...
दिन का चैन....
खो जाएँ
मिल जाएँ
धड़कनो से यूँही सिल जाएँ
आओ चुरा लें...
घड़ी से लम्हा...
किताब से कलमा...
सूरज से रोशनी...
चाँद से सादगी...
Tuesday, July 26, 2011
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खूबसूरत..!!!!
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