Friday, December 19, 2025

कहानी

इक कहानी सुनाना चाहता हूँ,
अपनी ज़ुबानी सुनाना चाहता हूँ,
इक क़िस्सा पुराना याद आ गया,
वह गुज़रा ज़माना याद आ गया,
किसी के दर्द में अपने दर्द जाग उठे,
किसी के दर्द में अपना फ़साना याद आ गया।
©® दिवाकर 'मुसाफ़िर' गर्ग